Rajani katare

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पर्व संक्रांति का




                    " पर्व संक्रांति का "

प्रातः भुवन भास्कर ने, 
दिया संदेश, 
उत्तरायण हुये मार्तण्ड, 
दिया संदेश, 
ऊषा की कनक रश्मियों, 
का संदेश,
अभिराम जीवन का,
आधार संदेश, 
मकर संक्रांति का.....

चिंतन मनन कर, 
दिनकर का आदेश, 
मकर संक्रांति आई, 
लेकर शुभ संदेश,
नव वर्ष नव सबेरा,
नव जीवन परिवेश, 
नव वर्ष का प्रथम,
संक्रांति पर्व विशेष, 
मकर संक्रांति का.....

लाल, पीली, नीली, 
हरी और गुलाबी, 
सबके मन भाये, 
रंगीली पतंग प्यारी, 
तिल के लड्डू, 
बेसन के लड्डू, विशेष, 
तिल गुड़, पट्टी खाओ, 
मिटाओ क्लेश, 
मकर संक्रांति का.....

   काव्य रचना -रजनी कटारे 
         जबलपुर (म. प्र.)

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3 Comments

Seema Priyadarshini sahay

15-Jan-2022 03:41 PM

बहुत बढ़िया।मकर संक्रांति की बधाई आपको

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Tarun Kumar Srivastava

14-Jan-2022 04:42 PM

बहुत खूब

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Zakirhusain Abbas Chougule

14-Jan-2022 07:46 AM

Nice

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